प्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैंप्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैंतुमसे क्या जुडा ज़िंदगी की तरह पूरी गजल बन गया
लिखा था राशि में आज खज़ाना मिल सकता हैलिखा था राशि में आज खज़ाना मिल सकता हैकि अचानक गली में सनम पुराना दिख गया
फ़िज़ा की महकती शाम हो तुमफ़िज़ा की महकती शाम हो तुमप्यार में छलकता जाम हो तुमसीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारीइसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम
प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलताप्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलताना वक्त के साथ ना हालात के साथ
नफरतों के जहान में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैंनफरतों के जहान में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैंदूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने
कितना प्यार है तुमसेकितना प्यार है तुमसे, वो लफ्ज़ों के सहारे कैसे बताऊँमहसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ