तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमनेतेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमनेप्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमनेमत सोच कि हम भूल गए हैं तुझेआज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने
कोई छुपाता हैकोई छुपाता है, कोई बताता हैकोई रुलाता है, तो कोई हंसाता हैप्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता हैफर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है