तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्ततुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्तक्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैंकहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँकई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं
आज कुछ नहीं है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में ऐ दोस्तआज कुछ नहीं है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में ऐ दोस्तकभी-कभी मेरी ख़ामोशियाँ भी पढ़ लिया करो
जीतने का दिल ही नहीं करता अब मेरे दोस्तजीतने का दिल ही नहीं करता अब मेरे दोस्तएक शख्स को जब से हारा हूँ मैं
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्तगुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्तजितना तेरे पास है उतना तो मेरा ख़राब रहता है
फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते है!फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैफूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैंयादे तो दिल में रहती है दोस्त मिल कर बिछड़ जाते है