दुःख देते हो खुद और खुद ही सवाल करते होदुःख देते हो खुद और खुद ही सवाल करते होतुम भी ओ सनम, कमाल करते होदेख कर पूछ लिया है हाल मेराचलो शुक्र है कुछ तो ख्याल करते हो
मिला वो भी नहीं करतेमिला वो भी नहीं करते, मिला हम भी नहीं करतेवफ़ा वो भी नहीं करते, वफ़ा हम भी नहीं करतेउन्हें रुस्वाई का दुःख, हमें तन्हाई का दर्दगिला वो भी नहीं करते शिकवा हम भी नहीं करते
सो सुख पा कर भी सुखी न होसो सुख पा कर भी सुखी न होपर एक ग़म का दुःख मनाता हैतभी तो कैसी करामात है कुदरत कीलाश तो तैर जाती है पानी मेंपर ज़िंदा आदमी डूब जाता है