दौर-ए-तन्हाई में झोंका हवा का जब भी कोई आयादौर-ए-तन्हाई में झोंका हवा का जब भी कोई आयादिल देता है दस्तक कि देख कहीं वो लौट तो नहीं आया
तुम आओ कभी दस्तक तो दो दर-ए-दिल परतुम आओ कभी दस्तक तो दो दर-ए-दिल परप्यार पहले से कम हो तो सज़ा-ए-मौत दे देना
ज़रा देखो ये दरवाज़े पर दस्तक किसने दी हैज़रा देखो ये दरवाज़े पर दस्तक किसने दी हैअगर इश्क़ हो तो कहना यहाँ दिल नही रहता