जब तु जुदा होता हैजब तु जुदा होता हैतब ज़िंदगी तन्हा होती हैख़ुशी जो तेरे पास रहकर मिलती हैवो कहाँ लफ़्ज़ों में बयां होती है
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता हैमज़बूरी में जब कोई जुदा होता हैज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता हैदेकर वो आपकी आँखों में आँसूअकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है
कभी करीब तो कभी जुदा है तूकभी करीब तो कभी जुदा है तूजाने किस-किस से खफा है तूमुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं थापर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू
कभी करीब तो कभी जुदा था तूकभी करीब तो कभी जुदा था तूजाने किस-किस से ख़फ़ा है तूमुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन थापर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू
इस बार उन से मिल के जुदा हम जो हो गएइस बार उन से मिल के जुदा हम जो हो गएउन की सहेलियों के भी आँचल भिगो गएचौराहों का तो हुस्न बढ़ा शहर के मगरजो लोग नामवर थे वो पत्थर के हो गए
कोई जुदा हो गया कोई ख़फ़ा हो गयाकोई जुदा हो गया कोई ख़फ़ा हो गयायह दुनिया के लोगों को क्या हो गयाजिस सजदे में मुझे उस को माँगना था रब सेअफ़सोस वही सजदा क़ज़ा हो गया