छोड़ ये बात कि मिले ये ज़ख़्म कहाँ से मुझ कोछोड़ ये बात कि मिले ये ज़ख़्म कहाँ से मुझ को`ज़िन्दगी बस तू इतना बता!` कितना सफर बाकि है