पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने मेंपढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने मेंनहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है
रेख़ती के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ग़ालिबरेख़ती के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ग़ालिब;कहते हैं अगले ज़माने में कोई मीर भी था