क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँक्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ, तो टूट जायेगादिल कहूँ, तो बिखर जायेगाआ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँमौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा
जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के हैजिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के हैतु गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती हैजिसमें अमीरों को नींद नहीं आती
ज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता हैज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता हैयहाँ हर सवाल का झूठा जवाब मिलता है;किसे समझे अपना किसे पराया;यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है।