गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो र.....जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है
ढूंढ लाया हूँ ख़ुशी की छाँव जिस के वास्तेढूंढ लाया हूँ ख़ुशी की छाँव जिस के वास्तेएक ग़म से भी उसे दो-चार करना है मुझे
एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबीएक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबीएक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया
मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो हैमुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो हैअब आप की ख़ुशी इसे काँटों में तौलिए