आज़ाद कर दूंगा तुमको अपनी मुहब्बत की क़ैद से आज़ाद कर दूंगा तुमको अपनी मुहब्बत की क़ैद से करे जो हमसे बेहतर तुम्हारी क़दर पहले वो शख्स तो ढूँढो
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैंबहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैंतुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
हर क़दम पर हम समझते थे कि मंज़िल आ गयीहर क़दम पर हम समझते थे कि मंज़िल आ गयीहम क़दम पर इक नयी दरपेश मुश्किल आ गयीक़दम: पैदरपेश: सम्मुख, सामन
मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहींमयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहींजहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं ज़मीर नहीं
मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहींमयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहींजहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं, ज़मीर नहीं
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँमुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँपीछे जब भी मुड़ कर देखता हूँ तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है