फिर उसके जाते ही दिल सुनसान हो कर रह गयाफिर उसके जाते ही दिल सुनसान हो कर रह गयाअच्छा भला इक शहर वीरान हो कर रह गयाहर नक्श बतल हो गया अब के दयार-ए-हिज्र मेंइक ज़ख्म गुज़रे वक्त की पहचान हो कर रह गयारुत ने मेरे चारों तरफ खींचें हिसार-ए-बाम-ओ-दरयह शहर फिर मेरे लिए ज़ान्दान हो कर रह गयाकुछ दिन मुझे आवाज़ दी लोगों ने उस के नाम से;फिर शहर भर में वो मेरी पहचान हो कर रह गयाइक ख्वाब हो कर रह गई गुलशन से अपनी निस्बतेंदिल रेज़ा रेज़ा कांच का गुलदान हो कर रह गयाख्वाहिश तो थी "साजिद" मुझे तशीर-ए-मेहर-ओ-माह की;लेकिन फ़क़त मैं साहिब-ए-दीवान हो कर रह गया
फिर उसके जाते ही दिल सुनसान हो कर रह गयाफिर उसके जाते ही दिल सुनसान हो कर रह गयाअच्छा भला इक शहर वीरान हो कर रह गयाहर नक्श बतल हो गया अब के दयार-ए-हिज्र मेंइक ज़ख्म गुज़रे वक्त की पहचान हो कर रह गयारुत ने मेरे चारों तरफ खींचें हिसार-ए-बाम-ओ-दरयह शहर फिर मेरे लिए ज़ान्दान हो कर रह गयाकुछ दिन मुझे आवाज़ दी लोगों ने उस के नाम से;फिर शहर भर में वो मेरी पहचान हो कर रह गयाइक ख्वाब हो कर रह गई गुलशन से अपनी निस्बतेंदिल रेज़ा रेज़ा कांच का गुलदान हो कर रह गयाख्वाहिश तो थी "साजिद" मुझे तशीर-ए-मेहर-ओ-माह की;लेकिन फ़क़त मैं साहिब-ए-दीवान हो कर रह गया
जिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की वक्त हर मंजिल दिखा देता हैजिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की वक्त हर मंजिल दिखा देता हैमरता नहीं कोई किसी की जुदाई में वक्त सबको जीना सिखा देता है
मोहब्बत के रास्ते में हर वक्त दर्द मिलेगामोहब्बत के रास्ते में हर वक्त दर्द मिलेगामेरी मानो दोस्ततुम इसी रास्ते पर मेडिकल स्टोर खोल लोमस्त चलेगा
ना लिया कर इश्क के इम्तिहान इतने जान मेरीना लिया कर इश्क के इम्तिहान इतने जान मेरीतेरे इश्क के इम्तिहान देते वक्त अक्सर मेरा दिल कुछ उदास होतान कसूर मेरा है ना तेरे उन सवालों काबस परेशानी है तो इतनी कि तेरा पप्पू हमेशा ग्रेस मार्क्स से पास होता है!
हसीनों के चेहरे पर हर लम्हा हर वक्त हंसी होती हैहसीनों के चेहरे पर हर लम्हा हर वक्त हंसी होती है;हसीनों के चेहरे पर हर लम्हा हर वक्त हंसी होती है;कमबख्त हमारा दिल भी ऐसी ही हसीना पर आता है;जो पहले ही किसी कमबख्त से फंसी होती है!