मेरी आँखों में यहीं हद से ज्यादा बेशुमार हैंमेरी आँखों में यहीं हद से ज्यादा बेशुमार हैंतेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार हैं
गहरी थी रात लेकिन हम खोये नहींगहरी थी रात लेकिन हम खोये नहींदर्द बहुत था दिल में, मगर हम रोए नहींकोई नहीं हमारा जो पूछे हमसेजाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नहीं
चाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गयाचाँद की जुदाई में आसमान भी तड़प गयाउसकी झलक पाने को हर सितारा तरस गयाबादल का दर्द क्या कहूंचाँद की याद में वो तो हँसते-हँसते बरस गया
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँदिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँप्यार का उसे पैगाम क्या दूँइस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकीअब यादें ही मुझे दर्द दें तो उसे इलज़ाम क्या दूँ
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँदिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँप्यार का उसे पैगाम क्या दूँइस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकीअब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ
गम-ए-जिंदगी को:गम-ए-जिंदगी कोगम-ए-जिंदगी को इस कदर सँवार लेते हैंजाम होंठो से जिगर तक उतार लेते हैंतबाह होने की चाह में क्या-क्या करें हमएक रोग नया तेरे इश्क का आज़ार लेते हैंमाना कि फांसलों से ही नजदीकीयाँ अपनी मगरदिल कहे, सुनेंगे कभी, एक दफा पुकार लेते हैएक भी काम ना आया मशवरा तुझे भुलने कामगर, तेरी याद के लम्हें वक्त से बेशुमार लेते हैंये मय ही तो हमदर्द , हमसफर मेरा अब साक़ीदर्द मिटाने को दवा कहा इश्क के बीमार लेते हैं