दम लबों पर थादम लबों पर था..दम लबों पर था, दिलेज़ार के घबराने से;आ गई है जाँ में जाँ, आपके आ जाने से;तेरा कूचा न छूटेगा, तेरे दीवाने सेउस को काबे से न मतलब है, न बुतख़ाने से.शेख़ नाफ़ह्म हैं, करते जो नहीं, क़द्र उसकीदिल फ़रिश्तों के मिले हैं, तेरे दीवानों सेमैं जो कहता हूँ, कि मरता हूँ, तो फ़रमाते हैंकारे-दुनिया न रुकेगा, तेरे मर जाने से
तरस जाओगें हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ्ज़तरस जाओगें हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ्ज़प्यार की बात तो क्या, हम शिकायत भी नहीं करेंगे
दो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थेदो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थेन वो कुछ कह सके न हम कुछ कह सकेज़ुबाँ भी आज ख़ामोश से बैठे थेन वो कुछ सुन सके न हम कुछ सुन सके
लबों की हँसी आपके नाम कर देंगेलबों की हँसी आपके नाम कर देंगेहर खुशी आप पर कुर्बान कर देँगेँजिस दिन होगी कमी मेरे प्यारउस दिन हम इस दुनिया को सलाम कर देंगे
कब उनके लबों से इज़हार होगाकब उनके लबों से इज़हार होगादिल के किसी कोने में हमारे लिए भी प्यार होगागुज़र रही हैं अब तो यह रातें बस इसी सोच मेंकि शायद उनको भी हमारा इंतज़ार होगा