दो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थे SHARE FacebookTwitter दो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थेन वो कुछ कह सके न हम कुछ कह सकेज़ुबाँ भी आज ख़ामोश से बैठे थेन वो कुछ सुन सके न हम कुछ सुन सकेMoreThis is a great लबों पर शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsलबों पर शायरी