पलकों मे कैद कुछ सपनें हैपलकों मे कैद कुछ सपनें है, कुछ अपने हैं और कुछ बेगाने हैंन जाने क्या कशिश है इन ख़्यालों में कुछ लोग दूर् होकर भी कितने अपने हैं
कब उनकी पलकों से इज़हार होगाकब उनकी पलकों से इज़हार होगादिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगागुज़र रही है रात उनकी याद मेंकभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा
दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझकोदिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझकोबस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए
दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझकोदिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझकोबस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए
मीठी मीठी यादों को पलकों पे सजा लेनामीठी मीठी यादों को पलकों पे सजा लेनासाथ गुज़रे लम्हों को दिल में बसा लेनामैं तो बरसों का प्यासा हूँ, 'फराज़'बिजली आ जाये तो याद से मोटर चला देना
आगोश-ए-सितम में छुपाले कोईआगोश-ए-सितम में छुपाले कोईतन्हा हूँ तड़पने से बचा ले कोईसूखी है बड़ी देर से पलकों की जुबांबस आज तो जी भर के रुला दे कोई