उन्होंने देखा हमें तिरछी नज़र से तो हम मदहोश हो गएउन्होंने देखा हमें तिरछी नज़र से तो हम मदहोश हो गएजब पता चला कि उनके नैन ही तिरछे हैं तो हम बेहोश हो गए
वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़र में आ जातेवो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़र में आ जातेअंदाजे कत्ल तो देखो मोहब्बत करके हमसे शादी ही कर ली
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न होकभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो;तु ही रहे मेरी निगाहों में, बस किसी और का ज़िक्र ना हो;इतनी सी गुजारिश है मेरी एक रात इस तरह नवाज़ दे मुझेफिर गम नही मुझे चाहे उस रात की कभी सहर न हो
कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ मेंकभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ मेंकि हज़ारों सज्दे तड़प रहे हैं मिरी जबीन-ए-नियाज़ में
आपने नज़र से नज़र कब मिला दीआपने नज़र से नज़र कब मिला दीहमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दीजुबां से तो हम कुछ भी न कह सकेपर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी
नज़र को नज़र की खबर न लगेनज़र को नज़र की खबर न लगेकोई अच्छा भी इस कदर न लगेआपको देखा है बस उस नज़र सेजिस नज़र से आपको नज़र न लगे