आज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दोआज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दोउस ने लोगों बड़ी मुश्किल से इधर देखा हैक्या ग़लत है जो मैं दीवाना हुआ, सच कहनामेरे महबूब को तुम ने भी अगर देखा है
अच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता हैअच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता हैकिसी आफ़त में न डाले दिल-ए-नाशाद मुझे
अच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता हैअच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता हैकिसी आफ़त में न डाले दिल-ए-नाशाद मुझे
फिरते हुए किसी की नज़र देखते रहे हमफिरते हुए किसी की नज़र देखते रहे हमउधर दिल का ख़ून हो रहा था मगर देखते रहे हम
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ कोउसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को;अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा
खुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ताखुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ताकिया जाता है पानी में सफ़र आहिस्ता आहिस्ताकोई ज़ंजीर फिर वापस वहीं पर ले के आती हैकठिन हो राह तो छूटता है घर आहिस्ता आहिस्ता