उनको देखने सेउनको देखने से...उनके देखने से जो आ जाती है मुँह पे रौनकवो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा हैदेखिए पाते हैं उशशाक़ बुतों से क्या फ़ैज़इक बराह्मन ने कहा है कि ये साल अच्छा हैहमको मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिनदिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
वो कहती थी कि मैं तुम्हारी जिन्दगी को जन्नतवो कहती थी कि मैं तुम्हारी जिन्दगी को जन्नतबना दूंगी, बनानी तो उसे मैगी भी नहीं आती थीलेकिन मैडम का आत्मविश्वास तो देखो
जाये है जी नजात के ग़म मेंजाये है जी नजात के ग़म मेंऐसी जन्नत गयी जहन्नुम मेंआप में हम नहीं तो क्या है अज़बदूर उससे रहा है क्या हम मेंबेखुदी पर न 'मीर' की जाओतुमने देखा है और आलम में