थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँथोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँकुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादेंजीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ
ज़िंदगी की हर एक उड़ान बाकी हैज़िंदगी की हर एक उड़ान बाकी हैहर मोड़ पर एक इम्तिहान बाकी हैअभी तो सिर्फ़ आप ही परेशान है मुझसेअभी तो पूरा हिन्दुस्तान बाकी है
साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिनसाहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिनतूफ़ान से लड़ने का मज़ा ही कुछ और हैकहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिनउसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है
क़ब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँक़ब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँलोग मरते हैं तो ग़ुरूर कहाँ जाता है।
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहींजुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहींआइने की सादगी से झूठ की पटती नहींज़िंदगी में गम नहीं फिर ज़िंदगी में क्या मजासिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं
तु ही बता ए ज़िंदगीतु ही बता ए ज़िंदगीइस ज़िंदगी का क्या होगाकि हर पल मरने वालों कोजीने के लिए भी वक़्त नहीं