तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल कोतेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल कोना कोई काम करता है, ना कोई बात सुनता है
छेड़ दिया इश्क मैंने आतंकियों के देश मेंछेड़ दिया इश्क मैंने आतंकियों के देश मेंदुश्मन भी प्यारा लगा हिना रबानी के वेश में
लोग इश्क करते हैं बड़े शोर के साथलोग इश्क करते हैं बड़े शोर के साथहमने भी किया बड़े जोर के साथलेकिन अब करेंगे थोड़ा गौर के साथक्योंकि कल उसे देखा है किसी और के साथ
इश्क को दर्द-ए-सर कहने वाले सुनेइश्क को दर्द-ए-सर कहने वाले सुनेहमने भी ये दर्द अपने सर ले लियाहमारी निगाहों से बचकर वो कहा जायेंगेहमने तो उनके मोहल्ले में ही घर ले लिया
इश्क का बुखार कुछ इस कदर चढ़ा था हमारे ज़हन परइश्क का बुखार कुछ इस कदर चढ़ा था हमारे ज़हन परकि मम्मी की चप्पल खा कर ही दिमाग को चैन आया!
इश्क को दर्द-ए-सर कहने वाले सुनइश्क को दर्द-ए-सर कहने वाले सुनहमने भी ये दर्द अपने सर ले लियाहमारी निगाहों से बचकर वो कहा जायेंगेक्योंकि अब हमने उनके मोहल्ले में ही घर ले लिया