कुछ बातें करके वो हमें रुला के चले गएकुछ बातें करके वो हमें रुला के चले गएहम न भूलेंगे यह एहसास दिला के चले गएआयेंगे कब वो अब तो यह देखना है उम्र भरबुझ रही है वो आग जिसे वो जला कर चले गए
पूछो ना उस कागज़ से जिस पेपूछो ना उस कागज़ से जिस पेहम दिल के मुकाम लिखते हैतन्हाइयों में बीती बातें तमाम लिखते हैवो कलम भी दीवानी हो गईजिस से हम आप का नाम लिखते है।
वफाओं की बातें की हमने जफ़ाओं के सामनेवफाओं की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने;.ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने;.उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें.मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने।
फ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातेंफ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातेंमैं तेरा हुस्न तेरे हुस्न-ए-बयाँ तक देखूँअनुवादफ़क़त = सिर्हुस्न-ए-बयाँ = सुंदरता की परिभाष
फ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातेंफ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातेंमैं तेरा हुस्न तेरे हुस्न-ए-बयाँ तक देखूँ