अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गयेअपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गयेजाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गयेमुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंनेजैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गयेवक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी परउनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये
ज़िंदगी से चले हैं अब इल्ज़ाम लेकरज़िंदगी से चले हैं अब इल्ज़ाम लेकरबहुत जी चुके हैं अब उनका नाम लेकरअकेले बातें करेंगे अब वो इन सितारों सेअब चले जायेंगे उन्हें यह सारा आसमान देकर
अक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातेंअक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातेंप्यास बुझ जाये तो अल्फ़ाज़ और इंसान दोनों बदल जाया करते हैं
उसकी बातें बार बार याद करके रोईउसकी बातें बार बार याद करके रोईउसके लिए रब से फ़रियाद करके रोईउसकी ख़ुशी के लिए छोड़ दिया उसेफिर उसी की कमी का एहसास करके रोई
आज ये पल हैआज ये पल है, कल बस यादें होंगीजब ये पल ना होंगे, तब सिर्फ बातें होंगीजब पलटोगे जिंदगी के पन्नों कोतो कुछ पन्नों पर आँखें नम और कुछ पर मुस्कुराहटें होंगी