मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ भी तो नहीं है शायदमोहब्बत सब्र के अलावा कुछ भी तो नहीं है शायदमैंने हर इश्क़ज़ादे को सिर्फ इंतज़ार करते देखा है ....!
उदास कर देती हैं ये शामें मुझे कभी-कभीउदास कर देती हैं ये शामें मुझे कभी-कभी...!!ऐसा लगता हैं जैसे कोई भुला रहा हो मुझे धीरे-धीरे...!!
बहुत रोये वो हमारे पास आकेबहुत रोये वो हमारे पास आके.जब एहसास हुआ अपनी गलती का.चुप तो करा देते हमअगर चहरे पे हमारे कफन ना होता !
सिर्फ तकदीर पे ही इल्जाम लगाना ठीक नहींसिर्फ तकदीर पे ही इल्जाम लगाना ठीक नहींमेरी बर्बादी में मेरा ये दिल भी गुनहगार है