उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न करउजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न करबीते हुए लम्हों को तू याद न करएक कैद परिंदे ने ये कहा हम से.मैं भुल चुका हूं उड़ना मुझे आजाद न कर !
मेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सकेमेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सके.याद रहता है..खुदा ने एक बहन मुझे भी दी है
वो मुझ तक आने की राह चाहता हैवो मुझ तक आने की राह चाहता हैलेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता हैखुद आते जाते मौसमो की तरहा हैऔर मेरे इश्क़ की इंतेह चाहता है
मेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता हैमेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता हैग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता हैकभी उनके हम भी थे दोस्तआज कल उन्हे याद दिलाना पडता है
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती हैकितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती हैप्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती हैतेरी याद कुछ इस तरह आती हैनींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है
ज़िंदगी यूँ भी बहुत कम है मोहब्बत के लियेज़िंदगी यूँ भी बहुत कम है मोहब्बत के लियेरूठ कर वक्त गँवाने की ज़रूरत क्या है....!!