उसकी बातों पे मुझेउसकी बातों पे मुझे...उसकी बातों पे मुझे आज यकीं कुछ कम हैये अलग है कि वो चर्चे में नहीं कुछ कम हैजब से दो चार नए पंख लगे हैं; उगनेतब से कहता है कि ये सारी ज़मीं कुछ कम हैमैं ये कहता हूँ कि तुम गौर से देखो ৱ24ो सहीजो ज्यादा है जहां वो ही वहीं कुछ कम हैमुल्क तो दूर की बात अपने ही घर में देखोकहीं कुछ चीज ज्यादा है कहीं कुछ कम हैदेख कर जलवा ए रुख आज वही दंग हुएजो थे कहते तेरा महबूब हसीं कुछ कम है
जो आपने न लिय 1000जो आपने न लिय100E हो, ऐसा कोई इम्तिहान न रहाइंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहाहै कोई बस्ती, जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने काआशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा
दर्द से दोस्ती हो गई यारोंदर्द से दोस्ती हो गई यारोंजिȁ902दगी बे दर्द हो गई यारोंक्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारादूर तक रोशनी तो हो गई यारो
एक दिन मुझसे कहा भगवान नेएक दिन मुझसे कहा भगवान ने..भगवान: मत कर इंतज़ार, उसका मिलना मुश्किल हैमैं: लेने दे मज़ा इंतज़ार का अगले जन्म में तो मुमकिन हैभगवान: मत कर इतना प्यार पछताएगामैं: देखते है तु कितना रूह को तडपाएगाभगवान: छोड़ उसे चल तुझे जन्नत की अप्¼0938रा से मिलवाता हूँमैं: नीचे आ, देख चेहरा मेरे प्यार का, जन्नत की अप्सरा भुलवाता हूँभगवान: मत भूल कि तु सिर्फ एक इंसान हैमैं: मिला दे मुझे मेरे प्यार से और साबित कर कि तु भगवान है
ए काश वो किसी दिन ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयेंए काश वो किसी दिए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयेंउनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायेंलगता है डर उन्हें तो हमराज़ लेके आयेंजो पूछना है पूछे, कहना है जो सुनाएँतौबा हमारी हम जो उन्हें हाथ भी लगाएँए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयेंउनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायेउन्हें इश्क ग़र ना होता पलके नही झुकातेगालों पे सोख बादल, जुल्फो के ना गिरतेकर दे ना क़त्ल हमको मासूम 92fह अदाएँए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयेंउनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें