मुझको एक बार:मुझको एक बारमुझको एक बार आजमाते तो सहीवो मेरी बज़्म में आते तो सहीमैंने रखा था सर-ए-शाम से घर को सजाकरतुम न रुकते एक पल को आते तो सहीआपकी खातिर आपकी खुशियों की खातिरखुद भी हो जाता नीलाम, बताते तो सहीयकीनन आपके हिस्से में रोशनी होतीशम्म-ए-वफ़ा दिल में एक बार जलाते तो सहीमैं भी इंसान हूँ पत्थर नहीं, क्यूँ ठुकरायाखुद हो जाता टुकड़े-टुकड़े बताते तो सही
तेरा मुस्कुराना नहीं:तेरा मुस्कुराना नहींतेरा मुस्कुराना नहीं भूलता हैवो नज़रें झुकाना नहीं भूलता हैमेरी ख़ाबगाह में मेरी जान का वोदबे पाँव आना नहीं भूलता हैकि शर्मा के दांतों तले फिर तुम्हारावो ऊँगली दबाना नहीं भूलता हैवो गेसू सुखाना तेरा छत पे आ केक़यामत गिराना नहीं भूलता हैलिपटना मेरे साथ आकर तुम्हारावो मंज़र सुहाना नहीं भूलता हैमुहब्बत निभाता दिलो-ओ-जाँ से 'सागर'पुराना ज़माना नहीं भूलता है