नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करतेनज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करतेयह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँबड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँवो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँउसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिनदिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ
आज तक है उसके लौट आने की उम्मीदआज तक है उसके लौट आने की उम्मीदआज तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगहलाख ये चाहा कि उसे भूल जायेँ परहौंसले अपनी जगह बेबसी अपनी जगह
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करेंज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करेंहम खुद निशाना बन गए वार क्या करेंमर गए हम मगर खुली रही ये आँखेंअब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैंजीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैंवो आये न आये हम इंतज़ार करते हैंझूठा ही सही मेरे यार का वादाहम सच मान कर ऐतबार करते हैं
उसके इंतज़ार के मारे हैं हमउसके इंतज़ार के मारे हैं हमबस उसकी यादों के सहारे हैं हमदुनिया जीत के करना क्या है अबजिसे दुनिया से जीतना था उसी से हारे हैं हम