बेवफाई का डर था तो प्यार क्यों कियाबेवफाई का डर था तो प्यार क्यों कियातनहाई का डर था तो इकरार क्यों कियामुझसे मौत भी पूछेगी आने से पहलेकि जब पता था वो नहीं आने वालेफिर भी तुमने उनका इंतजार क्यों किया
ना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगीना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगीउसकी याद में कब तक खुद को बेक़रार करेंगीउसे तो एहसास तक नहीं इस मोहब्बत का यारोना जाने कब तक यह धड़कन उसका ऐतबार करेगी
चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकरचले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकरआज इंतज़ार तेरा, दिल को हद से ज्यादा है
वफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना हैवफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना हैवो सच कहें या ना कहें बस ऐतबार करना हैयह तुझको जागते रहने का शौंक कबसे हो गयामुझे तो खैर बस तेरा इंतज़ार करना है
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती हैकिस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती हैजो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती हैकितने खाएं हैं धोखे इस मोहब्बत की राहों मेंफिर भी आँखें उसी के इंतज़ार में क्यों रोती हैं
पल-पल इंतज़ार किया एक पल के लिएपल-पल इंतज़ार किया एक पल के लिएवो पल आया भी तो एक पल के लिएअब तो हर पल इंतज़ार है उस पल के लिएकि वो पल आये फिर से एक पल के लिए