उठने लगे हैं अब तो इस बात पे सवालउठने लगे हैं अब तो इस बात पे सवालवो मेरी तरफ मुस्कुरा के देखते क्यों हैं
बदलते नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरहबदलते नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरहबेपनाह मोहब्बत पहले भी थी और आज भी है
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करोदिल के सागर में लहरें उठाया ना करोख्वाब बनकर नींद चुराया ना करोबहुत चोट लगती है मेरे दिल कोतुम ख्वाबों में आकर यूँ तडपाया ना करो