न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे परन जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे परतेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है
ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़डरते हैं ऐ ज़मीन तेरे आदमी से हम
चंद सिक्कों में बिकता है इंसान का ज़मीर यहांचंद सिक्कों में बिकता है इंसान का ज़मीर यहांकौंन कहता है मेरे मुल्क में महंगाई बहुत है
एक ऐसा समाज बनायें जहाँ लड़कियों को सुरक्षित महसूस करने के लिए अपने भाईयों कीएक ऐसा समाज बनायें जहाँ लड़कियों को सुरक्षित महसूस करने के लिए अपने भाईयों की ज़रुरत न होएक रिव्यात के तौर पे राखी बाँधने के लिए मर्द की कलाइयों की ज़रूरत न हो
मुझसे मेरे गुनाहों का हिसाब ना मांग ऐ खुदामुझसे मेरे गुनाहों का हिसाब ना मांग ऐ खुदामेरी तक़दीर लिखने में कलम तेरी ही चली है
फूल हँसे और शबनम रोई आई सबा मुस्काई धूपफूल हँसे और शबनम रोई आई सबा मुस्काई धूप;याद का सूरज ज़ेहन में चमका पलकों पर लहराई धूप