वो आज मशहूर हो गए जो कभी काबिल न थेवो आज मशहूर हो गए जो कभी काबिल न थेऔर मंजिले उनको मिली जो दौड़ में कभी शामिल न थे
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगामाँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगातू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भीकितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भीहजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है
उठो तो ऐसे उठो कि फक्र हो बुलंदी कोउठो तो ऐसे उठो कि फक्र हो बुलंदी कोझुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करे
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हमढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हमजो याद न आए भूल के फिर ऐ हम-नफ़सो वो ख़्वाब हैं हम