हर नजर में मुमकिन नहीं है बेगुनाह रहनाहर नजर में मुमकिन नहीं है बेगुनाह रहनावादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें
दिल दिया जिस ने किसी को वो हुआ साहेब-ए-दिलदिल दिया जिस ने किसी को वो हुआ साहेब-ए-दिलहाथ आ जाती है खो देने से दौलत दिल की
ईमां गलतईमां गलत, उसूल गलत, इद्देआ गलतइन्सां की दिलदेही अगर इन्सां न कर सकेईमां = धर्म, मजहइद्देआ = इच्छा, चादिलदेही = दिलासा, सांत्वना, ढाढ
जहाँ कमरों में कैद हो जाती है "जिंदगी"जहाँ कमरों में कैद हो जाती है "जिंदगी"लोग उसे "बड़ा शहर" कहते हैं