हमारी तो तासीर ही यूँ है तावीजों की तरहहमारी तो तासीर ही यूँ है तावीजों की तरहजिसके भी गले मिलते हैं उसकी बरकत हो जाती है
परख से कब जाहिर हुई शख्सियत किसी कीपरख से कब जाहिर हुई शख्सियत किसी कीहम तो बस उन्हीं के हैं, जिन्हें हम पर यकीन है
हवा को गुमान था अपने आज़ाद होने काहवा को गुमान था अपने आज़ाद होने काकिसी ने उसे भी गुबारे में कैद कर बेच दिया
तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया हैतजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया हैक्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता