शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी कोशदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी कोमैं देखता रहा दरिया तेरी रवानी को
एक ख्याल ही तो हूँ मैंएक ख्याल ही तो हूँ मैं... याद रह जाऊँ... तो याद रखनावरना सौ बहाने मिलेंगे... भूल जाना मुझे
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम';बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तोंचलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तोंदाग अपने पास रखें और रोशनी बाँट दे