फिकर मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ हैफिकर मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ हैलिखने वाले ने लिख दिया तकदीर तेरे साथ हैफिकर करता है क्यूँ फिकर से होता है क्यारख खुदा पे भरोसा देख फिर होता है क्या
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर लेहुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर लेजो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं
चूम लो हर मुश्किल को अपना मान करचूम लो हर मुश्किल को अपना मान कर;क्योंकि ज़िन्दगी कैसी भी है... है तो अपनी ही
अगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनोअगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनोवो अक्सर भटक जाते हैं जिन्हें सहारा मिल जाता है
कुछ रोते में कट गयीकुछ रोते में कट गयी, कुछ आहों में कट गयीकुछ सोते में कट गयी, कुछ गुनाहों में कट गयीमंज़िल पे चलने वाले मंज़िल पे जा लगेराहें बदलने वालों की राहों में कट गयी