कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलताकभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलताकहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलतातमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न होजहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता*मुकम्मल: उत्तम, पूर्*ख़ुलूस: निष्कपटता, निश्छलत
रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लेंरोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लेंजिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया
आता है जो तूफ़ान आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ हैआता है जो तूफ़ान आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ हैमुमकिन है कि उठती लहरों में बहता हुआ साहिल आ जाए
ये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलताये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलताअभी से लौट चलो घर अभी उजाला है
दुनिया तो चाहती है यूँ ही फ़ासले रहेंदुनिया तो चाहती है यूँ ही फ़ासले रहेंदुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल