दिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न होदिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न होबंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो
किसी को क्या ख़बर ऐ सुब्ह वक़्त-ए-शाम क्या होगाकिसी को क्या ख़बर ऐ सुब्ह वक़्त-ए-शाम क्या होगाख़ुदा जाने तेरे आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा