तुम खास नहीं मगर हर सांस में होरूबरू नहीं मगर हर एहसास में होमिलोगे नहीं मगर हर तलाश में होचाहे पूरी ना हो मगर हर आस में होदूर सही मगर फिर भी पास ही हो...
दिल में थी हर पल तमन्ना आपके दीदार कीक्या ख़बर थी सामने आओगे और छिप जाओगे तर्क करने को ताल्लुक मुझसे तुम करलो मगरयाद जब मैं आऊंगा तुम बहुत पछताओगे
एक नज़र देखकर के झुकाए नयन बस घड़ी भर का ये सिलसिला रह गयाआप आये तो उपवन गुलाबी हुआएक मैं ही सुमन अधखिला रह गया
चाँद तुम चाँदनी मैं तुम्हारी प्रियेपुष्प तुम गंध की मैं कहानी प्रियेतुम चुमन हो चुमन का एहसास एहसास हूँ मैंरक्त तुम रक्त कि मैं रवानी प्रिये
दिल दिया यह मेरे प्यार की हद्द थी ,जान दिया यह मेरे ऐतबार की हद्द थी ,मरकर भी आंखे खुली रह गयी ,तुम्हारे लिए यह मेरी इंतज़ार की हद्द थी.
अपने बीमारे मोहब्बत को हमेशा के लिएसाए ज़ुल्फ़ में रहने कि इजाज़त देदेअपनी यादों को मेरे दिल में सजाकर गुलशनमुझको दुनिया के हर एक गम से फ़रागत देदे
कहते है दोस्त मुझसे के तू कितना खुश नसीब है,तू शायरी लिखता है,आज मैं कहता हूँ रब किसी को शायर न बनायेइस हुनर को पाने मे बड़ा दर्द होता है !!