अभी तो रात बाकी है, मेरे दिल की बात बाकी है; जो मेरे दिल में छुपा है, वो जज़्बात बाकी है; जल्दी से सो जाना दोस्त, आप की नींद बाकी है; सुबह मिलते हैं, कल की शुरुआत बाकी है। शुभ रात्रि!
जब भी तेरी दीद का इम्कान रहेगा; दिल और परेशान रहेगा; चलो दूर रह कर ख़्वाबों में मिलते हैं; मिलने का यही रास्ता आसान रहेगा। शुभ रात्रि!
अपनों के प्यार में, दोस्तों की याद में; सलामत रहे ये ज़िंदगी हमारी; क़यामत हो ना हो; याद रहे सदा आप को हमारी। शुभ रात्रि!
ऐ रब तू अपना जलवा दिखा दे; उनकी ज़िंदगी को भी अपने नूर से सजा दे; बस मेरे दिल की यह दुआ है मालिक, इस मैसेज को पढ़ने वाले के सपने को हक़ीक़त बना दे। शुभ रात्रि!
एक बार जान माँग के तो देखो, एक बार याद कर के तो देखो; अगर हम ना आए तो समझ लेना, शहज़ादे सो रहे हैं। शुभ रात्रि!
निकलता नहीं है कोई दिल में बस जाने के बाद; दिल दुखता है बिछड़ जाने के बाद; पास जो होता है तो क़दर नहीं होती उसकी; महसूस होती है कमी उनके दूर जाने के बाद। शुभ रात्रि!
तन्हा जब दिल होगा, आपको आवाज़ दिया करेंगे; रात में सितारों से आपका जिक्र किया करेंगे; आप आए या ना आए हमारे ख़्वाबों में; हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे। शुभ रात्रि!
चाँद ने चाँदनी को याद किया; रात ने सितारों को याद किया; हमारे पास ना तो चाँद है ना चाँदनी; इसीलिए हमने अपने चाँद से भी प्यारे दोस्त को याद किया! शुभ रात्रि!
दिल में, होंठों पे एक दुआ रहती है; हर घडी मुझे आप की परवाह रहती है; खुदा हर ख़ुशी बख्शे आपको; हर दुआ में एहि गुज़ारिश रहती है। शुभ रात्रि!
ए पलक तू बंद हो जा, ख्बाबों में उनकी सूरत नजर आयेगी; मुलाक़ात तो सुबह दोबारा होगी, कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी। शुभ रात्रि!