क्यों इंसान हँसता है रोने के बाद; जीना फिर भी पड़ता है सब कुछ खोने के बाद; सोचा आज सबको याद कर लूँ; क्या पता आँख ही ना खुले आज सोने के बाद। शुभ रात्रि!
वो तेरा नहीं, वो किसी और का है; ऐ दोस्त चुप करके सो जा; रात रोने के लिए नहीं, सोने के लिए है। शुभ रात्रि!
आज की रात आपके लिए खास हो; हर वक़्त मच्छर आपके आस-पास हो; काट-काट कर आपकी जान खाए; भगवान करे सारी रात आपको नींद ना आए। शुभ रात्रि!
रात भर नींद ही ना आए तो; अश्क़ आँखों में छल छलाए तो; क्या हुआ है बताएं कैसे; याद कोई बहुत ही आए तो; तो क्या? . .. गुड नाईट और क्या!
चाँद का हो बिस्तर, तारों की हो रज़ाई; और फूलों का तकिया; अच्छा है ना, मज़ा आया ना! चलो अब धरती पे वापिस आ जाओ; और स्लीप ऑन यूअर(sleep on your) चारपाई! शुभ रात्रि!
चाँद के लिए सितारे अनेक हैं; लेकिन सितारों के लिए चाँद एक है; आपके लिए तो हज़ारों होंगे; लेकिन हमारे लिए आप ही एक हैं! शुभ रात्रि!
जहाँ दोस्ती वहाँ प्यार, जहाँ प्यार वहाँ इश्क़; जहाँ इश्क़ वहाँ जुदाई, जहाँ जुदाई वहाँ दर्द; जहाँ दर्द वहाँ झंडू बाम; झंडू बाम लगाओ और चुप कर के सो जाओ। शुभ रात्रि!
पहुँच है हमारी चाँद तक; यह तारे भी सलाम किया करते हैं; यह आसमान भी झुक जाता है; जब हम आपको याद किया करते हैं। शुभ रात्रि!
बिंदास सोने का, रपचिक सपने देखने का; भूत को नहीं देखने का, बोले तो आईना नहीं देखने का; और चादर ओढ़ के फुलटॉस सो जाने का, बोले तो गुड नाईट! शुभ रात्रि!
काजल सी खामोश रातों में भी दिल में रौशनी जगमगाने लगती है; जब आप जैसे दोस्त का ख्याल आता है तो, हौले से यह दिल कहता है शुभ रात्रि! शुभ रात्रि!
वो फूलों वाला तकिया मोड़ के सोना; सपनों की रजाई ओढ़ के सोना; रात को ख्वाबों में हम भी आएंगे; इसीलिए थोड़ी जगह छोड़ के सोना। शुभ रात्रि!
ओ जाओ, सो जाओ, मुझे गुड नाईट कहे बिना सो जाओ; रात की रानी आएगी, धक्का दे कर जाएगी; बिस्तर से आपको गिराएगी; फिर सारी नींद उड़ जाएगी! शुभ रात्रि!