रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी;दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी;जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा; उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी।
आग लगी थी मेरे घर को एक सच्चे दोस्त ने पूछा, "क्या बचा है?" मैने कहा, "मैं बच गया हूँ।" उसने गले लगाकर कहा, "फिर जला ही क्या है?"
अपनी ज़िंदगी के कुछ अलग ही उसूल हैं; दोस्ती की खातिर हमें काँटे भी क़बूल हैं; हँस कर चल देंगे काँच के टुकड़ों पर भी; अगर दोस्त कहे कि यह दोस्ती में बिछाये फूल हैं।
दोस्त एक ऐसा चोर होता है, जो आँखों से आँसू, चेहरे से परेशानी, दिल से मायूसी, ज़िन्दगी से दर्द और बस चले तो हाथों की लकीरों से मौत तक चुरा ले।
गुनाह करके सजा से डरते हैं, ज़हर पी के दवा से डरते हैं, दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमें, हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।
ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शुरू करूँ; अदा से करूँ या हया से करूँ; तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसूरत है; पता नहीं कि तारीफ ज़ुबाँ से करूँ या दुआ से करूँ।
दोस्ती कर के देखो, दोस्ती में दोस्त खुदा होता है; यह एहसास तब होता है जब दोस्त, दोस्त से जुदा होता है।
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों की सौगात है; किसी अपने का ज़िंदगी भर का साथ है; ये तो दिलों का वो खूबसूरत एहसास है; जिसके दम से रौशन ये सारी कायनात है।
रिश्तों की है यह दुनिया निराली; सब रिश्तों से प्यारी है यह दोस्ती तुम्हारी; मंज़ूर हैं आँसू भी आँखों में तुम्हारी; ऐ दोस्त अगर आ जाये होंठों पे मुस्कान तुम्हारी।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे; अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभायेंगे; बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफर; आप वहाँ से याद करना हम यहाँ से मुस्कुरायेंगे।