सब लोग मंज़िल को मुश्किल मानते हैं; हम तो मुश्किल को मंज़िल मानते हैं। बहुत बड़ा फर्क है सब में और हम में; सब ज़िंदगी को दोस्त और हम दोस्त को ज़िंदगी मानते हैं।
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िन्दगी से जुड़ जाते हैं; कहते हैं उस दौर को दोस्ती; जिसमे अनजाने ना जाने कब अपने बन जाते हैं।
प्यार की मस्ती किसी दुकान में नहीं बिकती, अच्छे दोस्तों की दोस्ती हर वक़्त नहीं मिलती, रखना सदा दोस्तों को दिल में सजाकर, क्योंकि यारों की यारी कभी गैरों से नहीं मिलती।
लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो कि दोस्ती दिल पर सवार हो जाए, हम कहते हैं कि दोस्ती इतनी करो कि दुश्मन को भी तुमसे प्यार हो जाए।
प्यार में दुनिया खूबसूरत लगती है; दर्द में दुनिया दुश्मन लगती है. तुम जैसे दोस्त अगर हों ज़िन्दगी में तो; 'bisleri' भी 'kingfisher' लगती है।
ऐसा नहीं कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमें कोई फरेब नहीं है, जल जाते हैं मेरे अंदाज़ में मेरे दुश्मन, क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले!
क्या फर्क है दोस्ती और मोहब्बत में रहते तो दोनो दिल मे ही हैं, लेकिन फर्क बस इतना है बरसो बाद मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेते हैं।
अच्छे दोस्त सफ़ेद रंग जैसे होते हैं, सफ़ेद में कोई भी रंग मिलाओ तो नया रंग बन सकता है लेकिन दुनिया के सभी रंग मिलाकर भी सफ़ेद रंग नहीं बना सकते।