कहने को तुम्हें ईद मुबारक मैं आया हूँ; तेरी ज़िंदगी से सारे गम चुराने आया हूँ; आज के दिन जो मांगोगे खुशियाँ तुम; वो रहे सदा तेरी ज़िंदगी में ये दुआ मांगने आया हूँ। ईद मुबारक!
हो हर दिन तेरा ईद जैसा; तू हो दुखी ना आये कोई दिन ऐसा; जो भी हो उम्मीद तेरी हो जाये वो पूरी; आज ईद के दिन हमारी भी है यही दुआ; रह ना जाये तेरी कभी कोई आरज़ू अधूरी। ईद मुबारक!
आज के दिन क्या घटा छायी है; चारों ओर खुशियों की फ़िज़ा छायी है; हर कोई कर रहा है सजदा खुदा को; तुम भी कर लो बंदगी आज ईद आई है। ईद मुबारक़!
जो अल्लाह की बंदगी करता है; उसे खुदा भी ग़मों से दूर रखता है; लेता है खुदा भी इम्तिहान कभी-कभी; मगर भूलना न करना दुआ तुम कभी; क्योंकि उसकी बंदगी में ही तो हैं ज़िन्दगी की खुशियां सभी। ईद मुबारक!
मुबारक मौका अल्लाह ने अताह फ़रमाया; एक बार फिर बंदगी की राह पे चलाया; अदा करना अपना फ़र्ज़ तुम खुदा के लिए; ख़ुशी से भरा हो ईद का मौका आपके लिए। ईद मुबारक!
अल्लाह आपको खुदाई की सारी नियामतें दे; अल्लाह आपके सारे गम आपसे जुदा करे; दुआ हमारी है सदा आपके ही साथ; ईद पे आप और भी खुशियां हासिल करें। ईद मुबारक!
बकरी ने रोमांटिक होते हुए बकरे से कहा, "आई लव यू"। बकरा (मायूस होकर): अब क्या फायदा, थोड़े दिनों बाद तो ईद आने वाली है। ईद मुबारक!
ए ईद तुम जब भी आना; सबके लिए बस खुशियाँ लाना; हर चेहरे पर हंसी सजाना; हर आँगन में फूल खिलाना; जो रोये हैं उन्हें हँसाना; जो बिछड़े हैं उन्हें मिलाना; प्यारी ईद तुम जब भी आना; सबके लिए बस खुशियाँ लाना। ईद मुबारक!
मुन्ना भाई: सर्किट, आपुन को कैसे पता चलेगा कि वो सामने बकरा है या बकरी? सर्किट: सिंपल भाई, पत्थर मार कर देख लो, अगर भागा तो बकरा, अगर भागी तो बकरी। ईद मुबारक!
आज खुदा की हो हम पर मेहरबानी, करदे माफ़ वो हमारी सारी नाफरमानी; ईद के दिन आज आओ मिल कर करें ये वादा, खुदा की बताई राहों पे चलेंगे हम सदा। आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक!