मेरी हर तलाश .........तुम पर ही खत्म होगी,......मैंने अपनी आरज़ूओं को .........बस इतने ही पंख लगाये हैं
तलब.......ऐसी.....कि,,,**सांसों में समा लूं तुझे,,,**और...किस्मत ऐसी कि तुझे,,,**देखने को भी मोहताज हूं मै
दो बात और कर लेता हुँ ,तेरी यादो मे एक और याद रख लेता हुँ ,रोना ही तो हैं पुरी जिन्दगी ,आ तेरे हाथ बैठ कर थोडा हँस लेता हुँ