जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की,बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,पर जहाँ से अपने ना दिखें वो उँचाई किस काम की..!!
रात की इस ख़ामोशी में तुमसे प्यार भरी बात होउन प्यार भरी बातो में मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में होप्यार भरे इस आलम में अपने सीने से लगाकर तुझको बताऊकी तुम ही मेरी ज़िन्दगी हो और तुम ही मेरी कायनात हो…!!!
पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गयाउसके बाद तो फिर दिल का करार गया.उस एक लम्हे ने ऐसा असर कियाकि हर लम्हा जैसे खुद इन्तज़ार हो गया.अपने होकर भी अपने ना हो सके हमवो अजनबी होकर भी राज़दार हो गया ।
देखा है कभी किसी मछली को पानी से बाहर निकालने पर तड़पते हुए..ना देखा है तो देखना कभी फिर समझ जाओगे मेरे दिल की तड़प क्या है तुम्हारे लिए...!
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर..कड़वे सच ने हमसे ना जाने कितने अज़ीज़ रिश्ते छीन लिए...!
मैं हमेशा खुद से वादे करता रहता हूँ,क़ि उसके साथ कभी धोका नही करूँगा।...और वो है क़ि मौका...वफ़ा का भी नही देती।।
मैं सितारों का नूर बन कर सिमटजाऊं तेरे दामन में........और तू नील गगन का चांद बन करबिखर जाए मेरे आंगन में.......!!