सुनना है, रूठना है, मनाना है, हँसाना है, रुलाना है, इस ज़िंदगी का हर लम्हा बस तुम्हारे साथ हीं बिताना है.
तेरे जलवों का मुझपें ऐसा असर हो गया,दीन-ओ-दुनिया से मैं बेख़बर हो गयासूझता कुछ भी नहीं मुझको बस तेरे सिवातु ही मंज़िल और तू ही हमसफ़र हो गया ....!!!
बड़ी ही खूबसूरत शाम हुआ करती थी वो तेरे साथ की ….. !!अब तक खुशबू नही गई, मेरी कलाई से तेरे हाथ की… !!
आगे सफर था और पीछे हमसफर था,रूकते तो सफर छूट जाताऔर चलते तो हमसफर छूट जाता,मंजिल की भी हसरत थीऔर उनसे भी मोहब्बत थी,ऐ दिल तू ही बता, उस वक्त मैं कहाँ जाता,मुद्दत का सफर भी थाऔर बरसो का हमसफर भी था,रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जातेयूँ समँझ लो...
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा,क्योंकि हस्र की परवाह मैं नहीं करता,फनाह होना तो रिवायत है तेरी,इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता।