गरूर तो नहीं करता लेकिनइतना यकीन " जरूर " हैं , , , ,कि अगर " याद " नहीं करोगेतो " भुला " भी नहीं सकोगे , , , , , !
तुझे सोचता हूँ मैं शाम और सूबह,इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या ...!तेरे ही ख्यालों में डूबा रहूँ,,इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या...!!
दो-चार बातें कर ली होती…तनहा़ रात के कह़र ढानें से पहले,हम यूं ना भीगोंते तकीये के गिलाफ़…सुबह हो जाने से पहले……..!!मिस यू
मेरी हर सांस में तू हैमेरी हर ख़ुशी में तू हैतेरे बिन ज़िन्दगी कुछ नहींक्योकि मेरी पूरी ज़िन्दगी ही तू है
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
एक बार कर के ऐतबार लिख दो,कितना है मुझ से प्यार लिख दो,कटती नहीं ये ज़िन्दगी अब तेरे बिन,कितना और करूँ इन्तज़ार लिख दो।
तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम,अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो,दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम,कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो।