नूर से आज चाँद भी शरमाया है; आप की दोस्ती ने ऐसा गजब ढाया है; ख़ुदा से क्या मांगू आपको; ख़ुदा ने भी खुद आप जैसा दोस्त मंगाया है। सुप्रभात!
आँखें खोलो सुबह हो गई; सारी दुनियाँ खूब सो चुकी; अब और ना कोई बात करो; मेरे सुप्रभात संदेश के साथ अपने दिन की शुरुआत करो! सुप्रभात!
खुदा करे हर मंज़िल हो कायम आपकी; हर सूरत हो गुलाम आपकी; हम तो यही दुआ करते हैं, सुनहरी हो सुबह और रौशन हो शाम आपकी! सुप्रभात!
वादियों से सूरज निकल आया है; फ़िज़ायों में नया रंग छाया है; अब तो मुस्कुरा दो मेरे दोस्त; क्योंकि आपको सुप्रभात कहने के लिए मेरा संदेश आया है! सुप्रभात!
हर सुबह आपको सलाम दे; हर फूल आपको मुस्कान दे; हम दुआ करते हैं कि, ख़ुदा आपको नए सवेरे के साथ क़ामयाबी का नया आसमान दे। सुप्रभात!
प्यारे से दोस्त को सलाम हमारा; आप कैसे हैं, सवाल हमारा; याद करते रहेंगे यह वादा हमारा; फ़िलहाल कबूल कीजिए सुप्रभात हमारा! सुप्रभात!
सूरज की पहली किरण, दिन का पहला पहर; पंछियों की पहली चहचहाट, धूप का पहला रंग; हवा की ठंडी सनसनाहट, सुबह का पहला खुमार। हमारी तरफ से आप सब को सुप्रभात! सुप्रभात!
ख़ुशी का हर पल हो तुम्हारे लिए; बहारों का गुलिस्तां हो तुम्हारे लिए; कामयाबी की मंज़िल हो तुम्हारे लिए; बस एक पल तुम्हारा हो हमारे लिए! सुप्रभात!
बड़े अरमां से बनवाया है, इसे रौशनी से सजाया है; बहुत दूर से मंगवाया है; ज़रा खिड़की खोल के देखो; आपको सुप्रभात कहने सूरज आया है! सुप्रभात!
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो; परिंदों की आवाज़ हो; हाथ में चाय और यादों में आप हो; उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो! सुप्रभात!
फ़िज़ा बनकर आपके करीब आये हैं; एक प्यारी सुबह आपके लिए लाए हैं; नई उम्मीदों के साथ जीवन की नई शुरुआत कीजिए; हज़ारों दुआ अपने संग लाए हैं। सुप्रभात!
उठ कर देखिए सुबह का नज़ारा; हवा भी है ठंडी, मौसम भी है प्यारा; सो गया चाँद, और छुप गया हर एक सितारा; क़बूल हो आपको सलाम-ए-सुबह हमारा! सुप्रभात!