फूल बिना खुशबू बेकार है; चाँद बिना चाँदनी बेकार है; प्यार बिना ज़िंदगी बेकार है; और मेरे सुप्रभात संदेश के बिना आपका दिन बेकार है। सुप्रभात!
प्यारी-प्यारी सुबह है, बूँदों की बरसात है; हवा भी थोड़ी ठंडी है, मौसम भी अनुकूल है; प्यारी-प्यारी सुबह है, बस कहना सुप्रभात है। सुप्रभात!
आज सुबह सूरज बिलकुल आप जैसा निकला; बिलकुल वही खूबसूरती; वही नूर, वही गुरूर, वही सरूर; और वही आपकी तरह हमसे दूर। सुप्रभात!
ना सर्दी ना जुकाम; ना नमस्ते ना सलाम; सुबह होते ही हमारा सबसे पहला काम; एक प्यारा सा संदेश आपके नाम। सुप्रभात!
लोग कहते हैं कि सुबह-सुबह अच्छे लोगों को याद करने से दिन अच्छा गुज़रता है। इसलिए मैंने सोचा कि आपको अपनी याद दिल दूँ। सुप्रभात!
जा चूका है अँधेरा; रौशनी ने दिया है पहरा; आपका और मेरा रिश्ता है गहरा; मेरी तरफ से आपको हैप्पी सवेरा! सुप्रभात
रहना तो चाहते थे साथ उनके; पर इस ज़माने ने रहने ना दिया; कभी वक़्त की ख़ामोशी में खामोश रहे; तो कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया। सुप्रभात!
आप तो मंज़िल को मुश्किल समझते हैं; हम आपको मंज़िल समझते हैं; बड़ा फर्क है आपके और हमारे नज़रिए में; आप हमें सपना और हम आप को अपना समझते हैं! सुप्रभात!
चाहे आप सिर पीटो; चाहे गुस्सा करो चाहे आप बिस्तर पे कूदो; या मोबाइल उठा के फ़ेंक दो; हम तो इतने बजे ही गुड मॉर्निंग कहेंगे! सुप्रभात!
उदास ना होना क्योंकि मैं साथ हूँ; सामने ना सही पर आस-पास हूँ; पलकों को बंद करो जब भी देखोगे; मैं हर पल तुम्हारे साथ-साथ हूँ। सुप्रभात!
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो; गुन-गुनाते पंछी की आवाज़ हो; हाथ में कॉफ़ी और यादों में कोई ख़ास हो; उस सुबह की पहली याद आप हो! सुप्रभात!
फूलों की तरह हंसते रहो, तो हम खुश हैं; दिल खोलकर जीते रहो, तो हम खुश हैं; यह नहीं कहते कि रोज मिलो; बस हर दिन याद कर लिया करो, तो हम खुश हैं। सुप्रभात!